जहां पे जीना मुहाल होगा
वहीं तो जीना कमाल होगा
ये कैसी दस्तक है मेरे दिलपर
तुम्हारा शायद ख़याल होगा
न पूछो मुझको ,मलाल क्या है
तुम्हें भी सुनकर मलाल होगा
लहू हमारा, जहां गिरा है
जो गुल खिलेगा,वो लाल होगा
दिया है क्या हमने ज़िंदगी को
कभी तो पैदा सवाल होगा
मैं कैसे काटूं, बिछडके तुझसे
वो लम्हा लम्हा, जो साल होगा
वहां वहां दिल जलेंगे ’साग़र’
जहां जहां इश्तेआल होगा
गायक - रसिका जानोरकर,मयूर महाजन
शायर - हनिफ़ साग़र
संगीत - सुधाकर कदम
Live 2015




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